महानवमी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती संपूर्ण जानकारी

Maha Navami 2023 Puja Vidhi, Muhurat: महानवमी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती संपूर्ण जानकारी
नवरात्रि की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है।

मान्यता है देवी दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। कई लोग नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी करते हैं (Navami Kanya Pujan Muhurat 2023)। इतना ही नहीं नवरात्रि की नवमी तिथि हवन पूजन के लिए भी बेहद शुभ मानी जाती है (Navami Havan Puja Muhurat 2023)। इस दिन मां दुर्गा के कई भक्त नवरात्रि व्रत का पारण भी करते हैं।

कहते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा से समस्त सिद्धियां का ज्ञान प्राप्त होता है (Maa Siddhidatri Puja Mantra)। जानिए नवरात्रि की नवमी तिथि की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती संपूर्ण जानकारी। महा नवमी पूजा सामग्री (Maha Navami Puja Samagri) हवन कुंड, आम की लकड़ी, चंदन की लकड़ी, पंचमेवा, जौ, गूलर की छाल, गोला, अश्वगंधा, कपूर, तिल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, पान अक्षत, गंगाजल,पैर साफ करने के लिए कपड़ा, रोली, अक्षत्, कलावा, पुष्प, चुनरी, फल, मिठाई, हलवा, चना, पूरी।

 महा नवमी पूजा मुहूर्त 2023 (Navratri Maha Navami Puja Muhurat 2023) नवमी तिथि का प्रारम्भ - 22 अक्टूबर 2023 को 07:58 PM बजे नवमी तिथि समाप्त - 23 अक्टूबर 2023 को 05:44 PM बजे नवमी हवन पूजन समय - शाम 05:44 तक नवमी कन्या पूजन - शाम 05:44 तक महा नवमी पूजा विधि (Maha Navami Puja Vidhi) नवमी पूजा में मां के लिए प्रसाद, नौ तरह के फूल, फल, भोग आदि चीजें जरूर शामिल करें। पूजा शुरू करने से पहले मां सिद्धिदात्री का ध्यान करें और उनसें संबंधित मंत्रों का जाप करें। मां को फल, भोग, मिष्ठान, पांच मेवे, नारियल आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद माता को टीका लगाएं।

दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मां सिद्धिदात्री की व्रत कथा सुनें। माता की आरती करें। विधि विधान हवन करें। कन्या भोजन कराएं। अंत में सभी लोगों में प्रसाद वितरित करें। महा नवमी रंग (Maha Navami Colour) महानवमी के दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। अगर आप मां सिद्धिदात्री की पूजा इस रंग के कपड़े पहनकर करते हैं तो आप पर माता की विशेष कृपा बरसेगी। महा नवमी भोग (Maha Navami Bhog) नवरात्रि के नौवें दिन माता रानी को काले चने, हलवे, खीर और पूरी का भोग जरूर लगाना चाहिए।

इससे मां अंबे शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं। महा नवमी कन्या पूजन विधि (Maha Navami Kanya Pujan Vidhi) कन्याओं के पैर धोकर उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं। उनके माथे पर टीका और अक्षत लगाएं। साथ ही कुछ अक्षत उनके ऊपर भी चढ़ाएं और फिर फूल अर्पित करने के बाद उन्हें चुनरी पहनाएं। इसके बाद उन्हें पूरी चना, हलवा का भोजन कराएं और अपनी सामर्थ अनुसार कुछ तोहफे अवश्य दें। अंत में उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और साथ में माता के जयकारे लगाएं।

मां सिद्धिदात्री के मंत्र (Maa Siddhidatri Mantra) ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम: या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥ महा नवमी हवन (Maha Navami Havan) नवरात्रि की महानवमी पर हवन का विशेष महत्व माना जाता है।

 नवमी हवन को चंडी होम के नाम से भी जानते हैं। हवन करने से पहले माता की विधि विधान पूजा की जाती है। मान्यता है कि हवन करने से सुख, समृद्धि, शांति, और संपन्नता आती है। ध्यान रखें कि नवमी हवन हमेशा दोपहर में ही करें। हवन के दौरान मां दुर्गा सप्तशती के साथ मां के मंत्रों का भी जाप करें।

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