राजनीति से संन्यास ले सकते है गुलाम नबी आजाद, कहा - 'हमको बदलाव लाना है'
राजनीति से संन्यास ले सकते है गुलाम नबी आजाद, कहा - 'हमको बदलाव लाना है'
दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दे दिए हैं. वह बोले कि हमको एक समाज में बदलाव लाना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कभी-कभी सोचता हूं कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक से किसी दिन आपको पता चले कि मैं संन्यास ले चुका हूं और समाज सेवा करने लगा हूं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जी-23 गुट के अहम सदस्य गुलाम नबी आजाद कांग्रेस की 5 राज्यों में हार के बाद लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी से मिलना कोई खबर नहीं है. वह उनसे मिलते रहते हैं.
गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि पार्टी प्रेसिडेंट की कोई जगह खाली नहीं है. जब चुनाव होगा तब पार्टी के कार्यकर्ता तय करेंगे कि कांग्रेस पार्टी का प्रेसिडेंट कौन बनेगा. वहीं गुलाम नबी आजाद ने प्रेम, सौहार्द को लेकर सियासी दलों को जमकर घेरा था.
रविवार को जम्मू में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने पीर पंजाल में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई, सभी धर्मों के लोगों के रहने की बात की थी. साथ ही धर्म के आधार पर बंटवारे को लेकर भी राजनीतिक दलों पर जमकर हमला बोला.
गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि राजनीतिक दल धर्म, जाति और अन्य चीजों के आधार पर चौबीसों घंटे बांटने का काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी को बांटने के लिए हम अपनी पार्टी को भी माफ नहीं कर रहे. हमारी पार्टी हो या कोई भी दल. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि सिविल सोसाइटी को साथ रहना चाहिए. सभी को धर्म और जाति से ऊपर उठकर न्याय मिलना चाहिए।
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