BSP छोड़कर साइकिल की सवारी करने वाले नेताओं पर अखिलेश यादव मेहरबान, इन 10 लोगों को मिला टिकट

BSP छोड़कर साइकिल की सवारी करने वाले नेताओं पर अखिलेश यादव मेहरबान, इन 10 लोगों को मिला टिकट

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 56 और प्रत्‍याशियों की घोषणा कर दी है. इस सूची में पूर्वांचल और अवध के जिले शामिल हैं. सपा ने जहां कई सीटों पर अपने प्रत्‍याशी रिपीट किये हैं, वहीं पार्टी ने बसपा (BSP) छोड़कर साइकिल का दामन थामने वाले नेताओं पर जमकर टिकट लुटाए हैं.
यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से इस लिस्‍ट में बसपा छोड़कर कर समाजवादी पार्टी ज्‍वाइन करने वाले 10 नेताओं को टिकट दिया गया है.
सपा ने लखीमपुर खीरी जिले के मोहम्मदी सीट से दाउद अहमद को मैदान में उतारा है. दाउद अहमद 1999 से 2004 तक शाहाबाद से सांसद और 2007-12 तक हरदोई की पिहानी से बसपा के विधायक रहे हैं. अहमद 2017 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लखीमपुर खीरी की मोहम्मदी से ही लड़े थे, लेकिन, हार गये थे. इसके बाद 2019 में मायावती ने उन्हें निकाल दिया था.

अम्बेडकरनगर के तीन धुरंधर बसपा नेता लालजी वर्मा, रामअचल राजभर और राकेश पांडेय इस बार सपा से लड़ेंगे. लालजी वर्मा कटेहरी, राजभर अकबरपुर से तो राकेश पांडेय जलालपुर से लड़ेंगे. वे (पांडेय) अम्बेडकरनगर से बसपा के सांसद रितेश पांडेय के पिता हैं.

हाल ही में उन्होंने सपा ज्वाइन की थी. इसके अलावा लाल जी वर्मा बसपा से निकाले जाने से पहले विधानसभा में पार्टी के नेता थे. वहीं, रामअचल राजभर बसपा सरकार में बड़े ओहदे के मंत्री थे.

बहराइच की महसी सीट से केके ओझा सपा से लड़ेंगे. वे 2019 का लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ चुके हैं. जबकि सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज से सईदा खातून को टिकट दिया गया है. ये भी बसपा की नेता रही हैं. 2017 के चुनाव में खातून बसपा के टिकट पर लड़कर महज 171 वोटों से भाजपा से हार गयी थीं. सपा को तब 52 हजार वोट मिले थे.

गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय तिवारी को उतारा गया है. विनय शंकर तिवारी 2017 में बसपा से चिल्लूपार से ही विधायक बने थे. हाल ही में हरिशंकर तिवारी और विनय ने बसपा छोड़कर सपा ज्वाइन की थी. इसके अलावा सोनभद्र जिले की दुद्धी सीट भी खास है. ताजी लिस्ट में सपा ने विजय सिंह गोंड को चुनाव मैदान में उतारा है. गोंड 2017 का चुनाव बसपा के टिकट पर इसी सीट से लड़ चुके हैं. वे महज एक हजार वोटों से अपना दल के कैडिडेट से हार गये थे. अब अखिलेश यादव ने दांव लगाया है.इसके अलावा कांग्रेस के कई पुराने नेताओं को टिकट दिया गया है. गोरखपुर की कैम्पियरगंज से सपा के टिकट पर अब लड़ने वाली काजल निषाद कांग्रेस में रही हैं.

हालांकि ऐसा नहीं है कि किसी दूसरे पार्टी में रहे नेता को सपा ने ही टिकट थमाया है. ये हर चुनाव का पुराना राग रहा है. बड़ी संख्या में सभी पार्टियों में ऐसे नेताओं की भरमार है बल्कि इसकी होड़ लगी है. दारा सिंह चौहान को सपा ने मऊ की घोसी सीट से उतारा है. वे 2017 से पहले बसपा के थे, लेकिन 2017 में भाजपा में आ गये थे. अब सपा से लड़ रहे हैं.

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