कोरोना महामारी की चपेट में आए हुए पत्रकारों की मृत्यु पर प्रदेश सरकार ने उनके परिजनों को दिया 10 लाख रुपये
कोरोना महामारी की चपेट में आए हुए पत्रकारों की मृत्यु पर प्रदेश सरकार ने उनके परिजनों को दिया 10 लाख रुपये
आश्रित, परिजनों को उ.प्र. सरकार ने आर्थिक सहायता के तौर पर 10 -10 लाख के चेक प्रदान किए।
लखनऊ- राजधानी में लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं दिवंगत पत्रकारों को सहायता राशि के चेक भेंट किए। इस क्रम में शनिवार को प्रदेश भर से आए 50 पत्रकारों के परिजनों, आश्रितों को चेक प्रदान करते समय भावुक होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा ने कितनों को निराश्रित किया। जो पत्रकार अपना काम करते समय कोविड का शिकार हो गए उनके परिवारों पर आपदा टूटी। सरकार ने इसका संज्ञान लेकर आज जो सहायता राशि उनके परिजनों को प्रदान की है, आशा है उनके आगे के जीवन को संवारने में मददगार होगी। इस अवसर पर न्यूज ब्राडकास्ट काउंसिल के चेयरमैन रजत शर्मा ने प्रदेश सरकार के इस कदम की सराहना की। कार्यक्रम में सभी 50 आमंत्रित पत्रकारों के परिजन उपस्थित थे। तरुण मित्र समूह के संपादक कैलाशनाथ विश्वकर्मा को कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान दिवंगत होने पर 10 लाख का चेक प्रदान किया गया जिसे उनके सुपुत्र और लखनऊ तरुण मित्र के प्रधान संपादक योगेंद्र विश्वकर्मा ने ग्रहण किया। जौनपुर के प्रमुख हिंदी दैनिक के प्रधान संपादक ओमप्रकाश जायसवाल के परिजन भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। उनकी पत्नी गायत्री देवी ने मुख्यमंत्री के हाथों सहायता राशि का चेक ग्रहण किया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने भी परिजनों को सम्बोधित कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। अपर प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि यह क्रम यहीं समाप्त नहीं होगा बल्कि जिलों से आए प्रस्तावों पर भी विचार कर उनकी मदद सरकार करेगी। कार्यक्रम में मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद आदि ने भी दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
कार्यक्रम में जौनपुर से जिला सूचना अधिकारी मनोकामना राय भी उपस्थित थीं जिन्होंने कुशलता पूर्वक जौनपुर और राज्य मुख्यालय के मध्य समन्वय स्थापित किया।
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